#150 days no porn challenge
#how to stop fapping
#hilana kaisa choda
#150 days no porn challenge
I am not taking any credit of story or image
Hello dosto ajj main apko
Btana wala hoon ki main <pmo) iss destroying habit se kaisa chutkara paya maina kaisa ye aadat chodi
Read full article or watch my life saver webseries thank you salil jamdar
Please guys subscribe this real men he saves millions of lives
I watched his series and stop suicide
Part 1 https://youtu.be/6ua2GpW65Eo
Part 2 https://youtu.be/_aasPUEv5JY
Part 3 https://youtu.be/YJfkN3RCRsU
Porn masturbation orgasam
Pahle to baat krte h ye aadt lgti kesi h
1>
Apka dost apko btata h ya dikhata h
2>
aap kisi ke phone me dekhte ho ristedaar neighbor
Or fir aap hilana chalu krte ho pehle to aapko both accha lagta h din me 8-10 Barr.
Ye aadat bnti kesi h
Ye sab chalu rehta h 6-7 saal 8-9 saal chalu rehta h jab tak aapka khada hona band na hojaye morning wood bhi nhi hota iss samay me
Wiring change hojati h aapke dimaag ki
Or jab aap ek hi cheez is level tak krte ho to
Porn masturbation orgasam tino ek saath
Toh aapko ek khushi milti h bihar jyada khushi aisa lagta app us porn me ghuskar us actress ko ch#d kr aye ho aap ka Shari's dhila hojata h aapko nind aati h jyada bhook lagti h aapki energy kam hojati h takat nhi bnti body nhi bnti sharir ko haya hua nhi lgta
आकषर्क व्यित्व का कारण
इस वीय के संयम से शरीर में एक अदभुत आकषर्क शि उत्पन्न होती है िजस ूाचीन वै धन्वतिर ने ‘ओज’ नाम िदया है | यही ओज मनंय को अपन परम-लाभ ‘आत्मदशर्न’ करान में सहायक बनता है | आप जहा-जहा भी िकसी व्यि के जीवन में कुछ िवशषता, चेहर पर तेज, वाणी में बल, काय में उत्साह पायेंगे, वहा समझो इस वीय रक्षण का ही चमत्कार है |
यिद एक साधारण ःवःथ मनंय एक िदन में 700 माम भोजन के िहसाब से चालीस िदन में 32 िकलो भोजन कर, तो समझो उसकी 40 िदन की कमाई लगभग 20 माम वीय होगी | 30 िदन अथार्त महीन की करीब 15 माम हई और 15 माम या इसस कुछ अिधक वीय एक बार के मैथुन में पुरुष ारा खच होता है |
माली की कहानी
एक था माली | उसन अपना तन, मन, धन लगाकर कई िदनों तक पिरौम करक एक सुन्दर बगीचा तैयार िकया | उस बगीच में भाित-भाित के मधुर सुगंध यु पुंप िखल | उन पुंपों को चुनकर उसन इकठ्ठा िकया और उनका बिढ़या इऽ तैयार िकया | िफर उसन क्या िकया समझ आप …? उस इऽ को एक गंदी नाली ( मोरी ) में बहा िदया |
र ! इतन िदनों के पिरौम से तैयार िकय गय इऽ को, िजसकी सुगन्ध से सारा घर महकन वाला था, उस नाली में बहा िदया ! आप कहेंगे िक ‘वह माली बड़ा मूखर् था, पागल था …’ मगर अपन आपम ही झाककर देखें | वह माली कही और ढँढ़न की जरूरत नही है | हमम से कई लोग ऐस ही माली हैं |
वीय बचपन से लेकर आज तक यानी 15-20 वष में तैयार होकर ओजरूप में शरीर में िव मान रहकर तेज, बल और ःफित देता रहा | अभी भी जो करीब 30 िदन के पिरौम की कमाई थी, उस यूँ ही सामान्य आवेग में आकर अिववकपूवर्क खच कर देना कहा की बुिमानी है ?
क ्या यह उस माली जैसा ही कम नही है ? वह माली तो दो-चार बार यह भूल करन के बाद िकसी के समझान पर सँभल भी गया होगा, िफर वही-की-वही भूल नही दोहराई होगी, परन्त आज तो कई लोग वही भूल दोहरात रहत हैं | अंत में पाताप ही हाथ लगता है |
क ् षिणक सुख के िलय व्यि कामान्ध होकर बड़ उत्साह से इस मैथुनरूपी कृत्य में पड़ता है परन्त कृत्य पूरा होत ही वह मुद जैसा हो जाता है | होगा ही | उस पता ही नही िक सुख तो नही िमला, केवल सुखाभास हआ, परन्त उसम उसन 30-40 िदन की अपनी कमाई खो दी |
हःतमैथुन व ःवप्नदोष से कैसे बचें यिद कोई हःत मैथुन या ःवप्नदोष की समःया से मःत है और वह इस रोग से छटकारा पान को वःतुतः इच्छक है, तो सबस पहल तो मैं यह कहगा िक अब वह यह िचंता छोड़ दे िक 'मुझे यह रोग है और अब मेरा क्या होगा ? क्या मैं िफर से ःवाःथ्य लाभ कर सकगा ?' इस ूकार के िनराशावादी िवचारों को वह जड़मूल से उखाड़ फेंके |
सदैव ूसन्न रहो जो हो चुका वह बीत गया | बीती सो बीती, बीती ताही िबसार दे, आग की सुिध लेय | एक तो रोग, िफर उसका िचंतन और भी रुग्ण बना देता है | इसिलय पहला काम तो यह करो िक दीनता के िवचारों को ितलाजिल देकर ूसन्न और ूफिल्लत रहना ूारंभ कर दो |
उसस दगनी माऽा में िमौी का चूणर् उसम िमला दो | यह चूणर् उनक िलए भी िहतकर है िजन्ह ःवप्नदोष नही होता हो | रोज रािऽ को सोन से आधा घंटा पूवर् पानी के साथ एक चम्मच यह चूणर् ले िलया करो | यह चूणर् वीय को गाढ़ा करता है, कज दर करता है, वात-िप-कफ के दोष िमटाता है और संयम को मजबूत करता है | (
पीछ िकतना वीयनाश हो चुका है, उसकी िचंता छोड़कर अब कैसे वीयरक्षण हो सक, उसक िलय उपाय करन हेतु कमर कस लो | ध ्यान रह: वीयशि का दमन नही करना है, उस ऊध्वगामी बनाना है | वीयशि का उपयोग हम ठीक ढ़ंग से नही कर पात | इसिलय इस शि के ऊध्वगमन के कुछ ूयोग हम समझ लें |
वीयर्रक्षक चूणर् बहत कम खच में आप यह चूणर् बना सकत हैं | कुछ सुखे आँवलों से बीज अलग करक उनक िछलकों को कूटकर उसका चूणर् बना लो | आजकल बाजार में आँवलों का तैयार चूणर् भी िमलता है | िजतना चूणर् हो,
उसस दगनी माऽा में िमौी का चूणर् उसम िमला दो | यह चूणर् उनक िलए भी िहतकर है िजन्ह ःवप्नदोष नही होता हो | रोज रािऽ को सोन से आधा घंटा पूवर् पानी के साथ एक चम्मच यह चूणर् ले िलया करो | यह चूणर् वीय को गाढ़ा करता है, कज दर करता है, वात-िप-कफ के दोष िमटाता है और संयम को मजबूत करता है |
पादपिमोानासन
िविध: जमीन पर आसन िबछाकर दोनों पैर सीध करक बैठ जाओ | िफर दोनों हाथों स परों क अगठ पकड़कर झकत हए िसर को दोनों घटनों स िमलान का ूयास करो | घटन जमीन पर सीध रह | ूारभ म घटन जमीन पर न िटक तो कोई हज नही | सतत अभ्यास स यह आसन िस हो जायगा | यह आसन करन क 15 िमनट बाद एक-दो कच्ची िभण्डी खानी चािहए | सवफल का सवन भी फायदा करता ह |
लाभ: इस आसन स नािड़यों की िवशष शि होकर हमारी कायक्षमता बढ़ती ह और शरीर की बीमािरया दर होती ह | बदहजमी, कज जस पट क सभी रोग, सद-जकाम, कफ िगरना, कमर का दद, िहचकी, सफद कोढ़, पशाब की बीमािरया, ःवप्नदोष, वीय-िवकार, अपिन्डक्स, साईिटका, नलों की सजन, पाण्डरोग (पीिलया), अिनिा, दमा, खट्टी कार, ज्ञानतंतुओ की कमजोरी, गभाशय क रोग, मािसकधम की अिनयिमतता व अन्य तकलीफ, नपसकता, र-िवकार, िठगनापन व अन्य कई ूकार की बीमािरया यह आसन करन स दर होती ह | ूारभ म यह आसन आधा िमनट स शुरु करक ूितिदन थोड़ा बढ़ात हए 15 िमनट तक कर सकत ह | पहल 2-3 िदन तकलीफ होती ह िफर सरल हो जाता ह | , इस आसन स शरीर का कद लम्बा होता ह | यिद शरीर म मोटापन ह तो वह दर होता ह और यिद दबलापन ह तो वह दर होकर शरीर सडौल, तन्दरुःत अवःथा म आ जाता ह | ॄचय पालनवालों क िलए यह आसन भगवान िशव का ूसाद ह | इसका ूचार पहल िशवजी न और बाद म जोगी गोरखनाथ न िकया था |
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